समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को प्रतियोगी परीक्षाओं में देरी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रतियोगी परीक्षाओं में देरी को लेकर सोमवार को मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सत्तारूढ़ सरकार को कम से कम युवाओं के मामलों को अपने “चौतरफा भ्रष्टाचार” से मुक्त रखना चाहिए। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने विभिन्न परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों के लीक होने को “मानसिक त्रासदी” करार दिया।
यादव ने कहा, “विभिन्न परीक्षाओं के पेपर लीक होना, परीक्षा केंद्रों से सॉल्वर तक धांधली, परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी का काम संदेह के घेरे में आना, रिजल्ट में ग्रेस मार्क्स की हेराफेरी, मनचाहा सेंटर मिलना, एक ही सेंटर से कई अभ्यर्थियों का चयनित होना और 100 फीसदी अंक पाना सिर्फ परीक्षा प्रबंधन की समस्या नहीं है। सबसे बड़ी बात यह है कि यह एक मानसिक त्रासदी है जो सिर्फ परीक्षा देने वाले युवाओं को ही नहीं बल्कि उनके अभिभावकों को भी प्रभावित कर रही है।”
उन्होंने कहा, “अगर पुलिस भर्ती, एआरओ, नीट जैसी अन्य परीक्षाएं, जिनमें धांधली हुई है, रद्द करके दोबारा आयोजित की जाएंगी, तो अगली बार परीक्षा आयोजित होने पर इस तरह का घोटाला नहीं होगा, इसकी गारंटी कौन लेगा। जब सरकार वही है और उसका सिस्टम भी वही है, तो ये सारे घोटाले फिर से सरकार संरक्षित ‘परीक्षा माफिया’ के लिए पैसा कमाने का जरिया बन सकते हैं।” यादव ने कहा, “इसलिए सरकार को इस संकट को मनोवैज्ञानिक नजरिए से भी देखना चाहिए और कम से कम युवाओं के मामले को इसके चौतरफा भ्रष्टाचार से मुक्त रखना चाहिए। यह देश के भविष्य का सवाल है